घण्टो रोते बिलखते रहे परिजन, नहीं मिली मुक्तांजलि,मजबूरन ट्रैक्टर में लाद कर ले गए शव
नारायणपुर ब्यूरो चीफ – कुशल चंद पारख़
केवल एक मुक्तांजलि के भरोसे पूरा नारायणपुर जिले का स्वास्थ्य अमला
मामला नारायणपुर जिला अस्पताल का
चुनाव नजदीक है राजनीतिक गलियारों में नेताओं द्वारा विकास के दावों के पुल बांधे जा रहे हैं परंतु नारायणपुर जिले भर में मात्र एक ही मुक्तांजलि शव वाहन के भरोसे खानापूर्ति कर स्वास्थ्य सुविधाओं को गर्त में धकेला जा रहा है जिसका खामियाजा मृतक परिवार की परिजन भुगत रहे हैं, आप अंदाजा लगा सकते हैं जब किसी परिवार में किसी अपने की मृत्यु अस्पताल में होती है और उन्हें लाश ले जाने के लिए जिला अस्पताल शव वाहन मुहैया नहीं कर पाता, तब उन पर क्या बितती होगी, पर शासन प्रशासन के कान में जू तक नहीं रेंगता
सिर्फ एक शव वाहन के भरोसे नारायणपुर जिला
मलखम्ब, क्रिकेट, फुटबॉल जैसे अनेक खेल तथा विशिष्ट आदिवासी संस्कृति के चलते विश्व विख्यात नारायणपुर जिले में यह दुर्भाग्य का विषय है कि शव वाहन जैसी बुनियादी सुविधाओं में भी कमी की जा रही है, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की संपूर्ण नारायणपुर जिले में मात्र एक ही मुक्तांजलि शव वाहन संचालित है, वह भी समय-समय पर खराब होती रहती है दोनों ब्लॉकों में किसी भी प्रकार के मुक्तांजलि शव वाहन का कोई भी व्यवस्था नहीं है यदि मुक्तांजलि शव वाहन किसी एक केस में व्यस्त है तो अस्पताल में दूसरा मृत्यु होने पर घण्टो लाश को लेकर इंतजार करने के अलावा कोई भी विकल्प नजर नहीं आता
ट्रैक्टर में लाद कर ले गए शव
नारायणपुर जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम कोचवाहीँ की मृतिका रामबत्ती मरापी की मृत्यु इलाज के दौरान जिला अस्पताल में मंगलवार दोपहर एक बजे हो गई थी, 2 घंटे तक रोते बिलखते परिजन मुक्तांजलि शव वाहन का इंतजार करते रहे, परंतु मुक्तांजलि दूसरे केस में बड़गांव गई हुई थी, इसके बाद लगातार देर होता देख परिजनों की पीड़ा और अधिक बढ़ती गई जब कोई अन्य विकल्प नहीं दिखा अंतत मजबूरीवश परिजनों ने शव को ट्रैक्टर में लाद कर ले जाने का फैसला किया, और शव को ट्रैक्टर में लाद कर ले गए, शव को ट्रैक्टर मे देखकर आसपास के लोग अचंभित हो गए, जो कि अस्पताल प्रबंधन के कार्य प्रणाली पर गंभीर सवालिया निशान खड़े करता है
सख्त निर्देश के बाद, भी ऐसी स्थिति समझ से परे-सीएस
नारायणपुर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन विनोद भोयर ने बताया मैंने सख्त रूप से निर्देश दिया हुआ है कि यदि शव ले जाने के लिए मुक्तांजलि की व्यवस्था उपलब्ध न हो, ऐसी किसी भी स्थिति में तत्काल अस्पताल के एंबुलेंस में शव को निशुल्क पहुंचाया जाए, इसके बावजूद ऐसी स्थिति समझ से परे है हालांकि ड्यूटी में तैनात नर्सो ने बताया कि परिजनों ने स्वयं, शव को ले जाने की इच्छा जाहिर करते हुए हमें लिखित रूप से दिया है
शासन की अपरिपक्वता के कारण यह स्थिति-केदार
शासन की अपरिपक्वता व स्थानीय विधायक के निष्क्रियता के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है कि मृतका के परिजनों को शव ले जाने के लिए, शासन प्रशासन, मुक्तांजली व अन्य वाहन तक नहीं उपलब्ध करा पा रही है, यह चिंता का विषय है जिस पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है
केदार कश्यप, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा